अब मोबाइल पर आएगी ‘दवा की पर्ची’
State 5:04 AM
वो दिन गए जब डॉक्टर कागज की पर्ची पर मरीजों को दवा लिखकर दिया करते थे और मरीज पर्ची गुम होने से डर से तकिए के नीचे रखकर सोया करते थे। अब मरीजों के मोबाइल में उपचार के लिए दवाओं की ‘ डिजिटल पर्ची’ आएगी। देहरादून के स्वास्थ्य विभाग की 104 कॉल सेवा में यह नई सुविधा प्रदान की जाएगी। इसमें ई-हेल्थ की टेली ट्राइएज प्रणाली से साफ्टवेयर कॉल करने वाले मरीज के मर्ज के उपचार का पता लगाकर उसको दवाओं का एसएमएस भेज देगा। उत्तराखंड पीपीपी सेल प्रोजेक्ट तैयार कर चुकी है। एचसीएस और रेलीगेयर जैसी कई बड़ी कंपनियों ने शासन को इस प्रणाली की प्रस्तुति दी है।
उत्तराखंड पीपीपी सेल के प्रभारी सुमित बरुआ ने बताया कि 104 सेवा का एक कॉल सेंटर बनेगा, जो टेली ट्राइएज प्रणाली पर आधारित होगा। पहले से चल रही 108 आपात स्वास्थ्य सेवा के साथ इसे जोड़ा जाएगा। अगर कोई बीमार इलाज के लिए फोन करता है तो अपने आप कॉल 104 में डायवर्ट हो जाएगी।
इससे मरीज को सामान्य रोग के लिए अस्पताल जाने और इलाज के लिए कतार लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। समय के साथ पैसे की बचत भी होगी। कॉल सेंटर के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई है, जनवरी के अंत तक स्वास्थ्य विभाग निविदा प्रक्रिया जारी कर देगा।
104 कॉल सेंटर का प्रतिनिधि मरीज का फोन आने वाले साफ्टवेयर को संचालित करेगा। मरीज से उसकी बीमारी के लक्षण को लेकर तैयार प्रश्नावली के आधार पर साफ्टवेयर रोग की जड़ तक पहुंचेगा। साफ्टवेयर में मौजूद डाटा बैंक सामान्य रोगों के लिए रहेगा, जो प्रश्न दर प्रश्न मिलने वाले जवाब के हिसाब से खुद बीमारी और उसकी दवा निर्धारित करेगा। प्रतिनिधि को मरीज अपना मोबाइल नंबर देगा, जिस पर साफ्टवेयर एसएमएस जारी कर देगा।
डाक्टर के पास जांच में जाने आने में खर्च होने वाले कई घंटों के मुकाबले साफ्टवेयर महज आठ मिनट में अपनी जांच प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इतना ही डाक्टरों के पास दी जाने वाली फीस से भी निजात मिलेगी। अगर मर्ज गंभीर है तो साफ्टवेयर काल सेंटर प्रतिनिधि को अवगत करवा देगा कि इसके लिए निकटवर्ती अस्पताल में संबंधित रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं।
योजना को सरकारी ड्रग स्टोर से जोड़ा जाएगा। जो एसएमएस मरीज को आएगा उसकी पंजीकरण संख्या सहित दवा की सूची निकटवर्ती रजिस्टर्ड केमिस्ट स्टोर पर जाएगी। जहां पर पंजीकरण संख्या को मिलाने के बाद केमिस्ट मरीज को दवा देगा। बीपीएल परिवारों को निशुल्क दवा दी जाएगी।
उत्तराखंड पीपीपी सेल के प्रभारी सुमित बरुआ ने बताया कि 104 सेवा का एक कॉल सेंटर बनेगा, जो टेली ट्राइएज प्रणाली पर आधारित होगा। पहले से चल रही 108 आपात स्वास्थ्य सेवा के साथ इसे जोड़ा जाएगा। अगर कोई बीमार इलाज के लिए फोन करता है तो अपने आप कॉल 104 में डायवर्ट हो जाएगी।
इससे मरीज को सामान्य रोग के लिए अस्पताल जाने और इलाज के लिए कतार लगाने की जरूरत नहीं रहेगी। समय के साथ पैसे की बचत भी होगी। कॉल सेंटर के लिए धनराशि आवंटित कर दी गई है, जनवरी के अंत तक स्वास्थ्य विभाग निविदा प्रक्रिया जारी कर देगा।
104 कॉल सेंटर का प्रतिनिधि मरीज का फोन आने वाले साफ्टवेयर को संचालित करेगा। मरीज से उसकी बीमारी के लक्षण को लेकर तैयार प्रश्नावली के आधार पर साफ्टवेयर रोग की जड़ तक पहुंचेगा। साफ्टवेयर में मौजूद डाटा बैंक सामान्य रोगों के लिए रहेगा, जो प्रश्न दर प्रश्न मिलने वाले जवाब के हिसाब से खुद बीमारी और उसकी दवा निर्धारित करेगा। प्रतिनिधि को मरीज अपना मोबाइल नंबर देगा, जिस पर साफ्टवेयर एसएमएस जारी कर देगा।
डाक्टर के पास जांच में जाने आने में खर्च होने वाले कई घंटों के मुकाबले साफ्टवेयर महज आठ मिनट में अपनी जांच प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इतना ही डाक्टरों के पास दी जाने वाली फीस से भी निजात मिलेगी। अगर मर्ज गंभीर है तो साफ्टवेयर काल सेंटर प्रतिनिधि को अवगत करवा देगा कि इसके लिए निकटवर्ती अस्पताल में संबंधित रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं।
योजना को सरकारी ड्रग स्टोर से जोड़ा जाएगा। जो एसएमएस मरीज को आएगा उसकी पंजीकरण संख्या सहित दवा की सूची निकटवर्ती रजिस्टर्ड केमिस्ट स्टोर पर जाएगी। जहां पर पंजीकरण संख्या को मिलाने के बाद केमिस्ट मरीज को दवा देगा। बीपीएल परिवारों को निशुल्क दवा दी जाएगी।