हिमाचल के छठवीं बार मुख्यमंत्री बने वीरभद्र सिंह
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शिमला-- वरिष्ठ कांग्रेसी नेता वीरभद्र सिंह ने मंगलवार को छठवीं बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वीरभद्र सिंह का शपथ ग्रहण समारोह शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर आयोजित किया।
आज शपथ लेने वालों में हिमाचल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। विद्या स्टोक्स और ठाकुर कौल सिंह ने भी आज हिमाचल कैबिनेट के लिए शपथ ली।
वह रिकॉर्ड छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह ने उन्हें शपथ दिलाई। वह 16 वर्ष से अधिक समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र (78) ने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में सुबह 10.40 बजे हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्होंने सबसे पहले आठ अप्रैल, 1983 को पदभार सम्भाला था। उन्होंने ठाकुर राम लाल का स्थान लिया था।
वीरभद्र का ताल्लुक पूर्व शाही राज्य रामपुर बुशहर से है। वह 28 वर्ष की उम्र में राजनीति में दाखिल हुए।
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के मनोनित मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सोमवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब एक अदालत ने भ्रष्टाचार और साजिश के आरोपों से जुड़े बहुप्रचारित सीडी मामले में उन्हें बरी कर दिया। सिंह को अदालत से यह राहत ऐसे समय में मिली, जब उन्होंने आज रिकार्ड छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इससे पहले, 78 साल के वीरभद्र को राज्यपाल उर्मिला सिंह ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। वह मंगलवार को अकेले शपथ लेंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से विमर्श के बाद ही अपना मंत्रिपरिषद तय करेंगे। उन्होंने सोनिया गांधी से दिल्ली से मुलाकात की और नई सरकार के गठन के बारे में विमर्श किया। उन्हें शनिवार को शिमला में औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। राज्य की 68 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के 36 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक ने पार्टी को बिना शर्त के समर्थन दिया है।
गौर हो कि वीरभद्र 1983 से 1985, 1985 से 1990, 1993 से 1998 और 2003 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे हैं। अपने पांच दशकों के राजनीतिक करियर में वीरभद्र सात बार विधायक, पांच बार सांसद और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों, क्षेत्रों, युवाओं और बुजुर्गों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाएगा।
आज शपथ लेने वालों में हिमाचल कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। विद्या स्टोक्स और ठाकुर कौल सिंह ने भी आज हिमाचल कैबिनेट के लिए शपथ ली।
वह रिकॉर्ड छठी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह ने उन्हें शपथ दिलाई। वह 16 वर्ष से अधिक समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं। वीरभद्र (78) ने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में सुबह 10.40 बजे हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उन्होंने सबसे पहले आठ अप्रैल, 1983 को पदभार सम्भाला था। उन्होंने ठाकुर राम लाल का स्थान लिया था।
वीरभद्र का ताल्लुक पूर्व शाही राज्य रामपुर बुशहर से है। वह 28 वर्ष की उम्र में राजनीति में दाखिल हुए।
गौर हो कि हिमाचल प्रदेश के मनोनित मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को सोमवार को उस समय बड़ी राहत मिली जब एक अदालत ने भ्रष्टाचार और साजिश के आरोपों से जुड़े बहुप्रचारित सीडी मामले में उन्हें बरी कर दिया। सिंह को अदालत से यह राहत ऐसे समय में मिली, जब उन्होंने आज रिकार्ड छठी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इससे पहले, 78 साल के वीरभद्र को राज्यपाल उर्मिला सिंह ने सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। वह मंगलवार को अकेले शपथ लेंगे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से विमर्श के बाद ही अपना मंत्रिपरिषद तय करेंगे। उन्होंने सोनिया गांधी से दिल्ली से मुलाकात की और नई सरकार के गठन के बारे में विमर्श किया। उन्हें शनिवार को शिमला में औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। राज्य की 68 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के 36 विधायक हैं और एक निर्दलीय विधायक ने पार्टी को बिना शर्त के समर्थन दिया है।
गौर हो कि वीरभद्र 1983 से 1985, 1985 से 1990, 1993 से 1998 और 2003 से 2007 तक मुख्यमंत्री रहे हैं। अपने पांच दशकों के राजनीतिक करियर में वीरभद्र सात बार विधायक, पांच बार सांसद और पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी वर्गों, क्षेत्रों, युवाओं और बुजुर्गों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया जाएगा।