रतन टाटा ने पीएम मनमोहन सिंह से मांगी माफी
International 7:45 AM
नई दिल्ली : टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने उनके द्वारा एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना संबंधी टिप्पणियों
को पूरी तरह गलत बताया है। टाटा ने कहा कि उनके साक्षात्कार को गलत रुप से पेश किये जाने पर प्रधानमंत्री और सरकार को जो शर्मिंदगी उठानी पड़ी उसके लिये वह माफी मांगते हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में टाटा ने कहा है, मैं हमेशा से आपका बहुत बड़ा प्रशंसक और समर्थक रहा हूं। इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है और इसका इस्तेमाल रचनात्मक तरीके से सरकार को आगे बढ़ाने में किया जाना चाहिए।
रतन टाटा 28 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उसके बाद वह मानद चेयरमैन बने रहेंगे।
सिंह को भेजे पत्र में टाटा ने कहा कि लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में प्रकाशित बातों को पढ़कर उन्हें काफी झटका लगा। टाटा ने कहा कि उनके हाल के साक्षात्कार में छपी बातें पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने इसके शीषर्क को सनसनी फैलाने वाला बताया।
अपने 10 दिसंबर के पत्र में टाटा ने 8 दिसंबर को जारी प्रेस बयान का उल्लेख किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि उन्होंने कभी भी प्रधानमंत्री पर हमला नहीं बोला। न ही देश को आड़े हाथ लिया और न ही सरकार पर तेजी से काम नहीं करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र के साथ टाटा ने साक्षात्कार की प्रति भी लगाई है। उन्होंने सिंह से कहा, मैं हमेशा से आपका बहुत बड़ा प्रशंसक और समर्थक रहा हूं। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा आपके भरोसे और विश्वास का कायल रहा हूं। मुझे यह देखकर काफी दुख हुआ कि फाइनेंशियल टाइम्स जैसे प्रकाशन ने मेरी बातों को गलत तरीके से पेश किया और यह आपके तथा मेरे बीच गलतफहमी की वजह बना।
प्रधानमंत्री ने 12 दिसंबर को टाटा के पत्र का जवाब देते हुए प्रशंसा और समर्थन के लिये आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को उनके कुछ कार्यों के लिये इस तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें इनका रचनात्मक इस्तेमाल करना आना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस तरह की आलोचनाओं से हमें आत्मावलोकन में मदद मिलती है जिस पर पथ पर हम जा रहे हैं। हमारक दृढ़ निश्चय ही हमें आगे बढ़ने में मदद करता है। टाटा ने कहा है कि उनका प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की वजह मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करना है। टाटा ने कहा, आपका मैं बहुत सम्मान करता हूं। मैं नहीं चाहता कि हमारे बीच एक मौकापरस्त संवाददाता की वजह से पैदा हुई गलतफहमी बनी रहे। उन्होंने कहा, मीडिया के मामले को गलत ढंग से पेश करने की वजह से आपको और सरकार को जो शर्मिंदगी उठानी पड़ी मैं उसके लिये माफी ही मांग सकता हूं।
को पूरी तरह गलत बताया है। टाटा ने कहा कि उनके साक्षात्कार को गलत रुप से पेश किये जाने पर प्रधानमंत्री और सरकार को जो शर्मिंदगी उठानी पड़ी उसके लिये वह माफी मांगते हैं।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखे पत्र में टाटा ने कहा है, मैं हमेशा से आपका बहुत बड़ा प्रशंसक और समर्थक रहा हूं। इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है और इसका इस्तेमाल रचनात्मक तरीके से सरकार को आगे बढ़ाने में किया जाना चाहिए।
रतन टाटा 28 दिसंबर को टाटा संस के चेयरमैन पद से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उसके बाद वह मानद चेयरमैन बने रहेंगे।
सिंह को भेजे पत्र में टाटा ने कहा कि लंदन के फाइनेंशियल टाइम्स को दिए साक्षात्कार में प्रकाशित बातों को पढ़कर उन्हें काफी झटका लगा। टाटा ने कहा कि उनके हाल के साक्षात्कार में छपी बातें पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने इसके शीषर्क को सनसनी फैलाने वाला बताया।
अपने 10 दिसंबर के पत्र में टाटा ने 8 दिसंबर को जारी प्रेस बयान का उल्लेख किया है। इसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि उन्होंने कभी भी प्रधानमंत्री पर हमला नहीं बोला। न ही देश को आड़े हाथ लिया और न ही सरकार पर तेजी से काम नहीं करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री को भेजे पत्र के साथ टाटा ने साक्षात्कार की प्रति भी लगाई है। उन्होंने सिंह से कहा, मैं हमेशा से आपका बहुत बड़ा प्रशंसक और समर्थक रहा हूं। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा आपके भरोसे और विश्वास का कायल रहा हूं। मुझे यह देखकर काफी दुख हुआ कि फाइनेंशियल टाइम्स जैसे प्रकाशन ने मेरी बातों को गलत तरीके से पेश किया और यह आपके तथा मेरे बीच गलतफहमी की वजह बना।
प्रधानमंत्री ने 12 दिसंबर को टाटा के पत्र का जवाब देते हुए प्रशंसा और समर्थन के लिये आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में रहने वालों को उनके कुछ कार्यों के लिये इस तरह की आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है और उन्हें इनका रचनात्मक इस्तेमाल करना आना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस तरह की आलोचनाओं से हमें आत्मावलोकन में मदद मिलती है जिस पर पथ पर हम जा रहे हैं। हमारक दृढ़ निश्चय ही हमें आगे बढ़ने में मदद करता है। टाटा ने कहा है कि उनका प्रधानमंत्री को पत्र लिखने की वजह मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करना है। टाटा ने कहा, आपका मैं बहुत सम्मान करता हूं। मैं नहीं चाहता कि हमारे बीच एक मौकापरस्त संवाददाता की वजह से पैदा हुई गलतफहमी बनी रहे। उन्होंने कहा, मीडिया के मामले को गलत ढंग से पेश करने की वजह से आपको और सरकार को जो शर्मिंदगी उठानी पड़ी मैं उसके लिये माफी ही मांग सकता हूं।
Posted by Creative Dude
on 7:45 AM.
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