पत्रकारों पर पुलिस कार्रवाई निंदनीय: काटजू
Top News 3:52 AM
भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष मार्कंडेय काटजू ने दिल्ली पुलिस द्वारा मीडियाकर्मियों पर रविवार को की गयी कार्रवाई को ‘लोकतंत्र पर निंदनीय हमला’ बताया। काटजू ने उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जो इसके लिये जिम्मेदार थे। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश काटजू ने कहा कि वह सामूहिक बलात्कार के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस द्वारा पत्रकारों पर की गयी पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हैं।
काटजू ने कहा, ''पत्रकार सिर्फ उन घटनाओं की रिपोर्टिंग कर रहे थे जो उनका अधिकार है, साथ ही जनता के प्रति यह उनका कर्तव्य है। अनेक पत्रकारों को पुलिस ने अपने निशाने पर ले लिया। उनके कैमरे तोड़े गये और कई पत्रकारों को घायल कर दिया गया।’’ उन्होंने कहा, ''यह लोकतंत्र पर निंदनीय हमला है और यह अकेली घटना नहीं है। देश के अलग अलग हिस्सों से ऐसे कई मामले मेरे संज्ञान में आ रहे हैं।’’ प्रेस परिषद के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पुलिस यह तर्क नहीं दे सकती कि वह पत्रकारों और आम जनता के बीच फर्क नहीं समझ पायी क्योंकि पत्रकारों के हाथ में कैमरे और अन्य उपकरण थे जिससे उनकी पहचान आसानी से हो जाती है। उन्होंने मांग की कि घायल पत्रकारों को शीघ्र चिकित्सीय सहायता मुहैया करायी जानी चाहिये।
इस बीच, देश के प्रमुख समाचार चैनलों की सदस्यता वाले न्यूज ब्रॉडकास्टर्स असोसिएशन (एनबीए) ने आज कहा है कि रविवार को हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान दिल्ली पुलिस ने मीडियाकर्मियों पर पानी की बौछारें करके पत्रकारों को अपना निशाना बनाया है। एनबीए की ओर से जारी बयान में रविवार को हुई कार्रवाई पर स्तब्धता जाहिर करते हुए पत्रकारों, कैमराकर्मियों और समाचार चैनलों के अन्य मीडियाकर्मियों के घायल होने और महंगे प्रसारक उपकरणों के नष्ट होने के प्रति चिंता जाहिर की है। एनबीए के बयान में कहा गया, ‘‘पानी की बौछारों का इस्तेमाल मीडिया पर किया गया। इस कार्रवाई में वे पत्रकार भी घायल हुए जिनके हाथ में माइक भी था। इससे स्पष्ट होता है कि इन बौछारों में मीडिया को ही निशाना बनाया गया था।’’ एनबीए ने कहा कि उसके सदस्य चैनलों ने महिला सुरक्षा की मांग करते प्रदर्शनों को ‘बहुत समझदारी, संवेदना और संयम’ के साथ दिखाया है इसलिए संवाददाताओं के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई स्वीकार्य नहीं है।
एनबीए के बयान में कहा गया, ‘‘हमारे संवाददाताओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई अस्वीकार्य है और इसकी स्पष्ट रूप से निंदा की जाती है। अगर मीडिया का मुंह बंद करने की कोशिश की जाती है तो वह देश और लोकतंत्र के लिए बहुत दुख भरा दिन होगा।’’ एनबीए ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि वह मीडिया को स्वतंत्र और भयमुक्त रूप से काम करने देने के लिए उपयुक्त माहौल सुनिश्चित करे। इस बयान में यह भी कहा गया कि एनबीए के सदस्य चैनल और अधिकांश समाचार मीडिया इन विरोध प्रदर्शनों में शामिल हो चुकी हिंसा की निंदा करते हैं और उन्होंने लगातार संयम और शांति बरतने की सलाह दी है। प्रसारकों ने कहा कि समाचार मीडिया का काम घटनाओं को तथ्यात्मक ढंग पेश करना है और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में अपनी यह जिम्मेदारी संतुलित तरीके से निभाई है।