सरकार तय करेगी हवाई किराया दरों की सीमा

विमानछुट्टियों के व्यस्त समय के दौरान विमान किराये आसमान छू जाते हैं.
ऐसे में नागरिक उड्डयन मंत्रालय किसी एक निश्चित अवधि के लिए न्यूनतम और अधिकतम किराया दरें तय करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है.
किसी भी एयरलाइंस को इस सीमा को लांघने की अनुमति नहीं होगी.
मंत्रालय जहां अधिकतम और न्यूनतम मूल्य बैंड पर काम कर रहा है, वहीं उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि इसका बेहतर हल यह होगा कि विमान किराये एयरलाइंस द्वारा निकाले गए प्रति किलोमीटर राजस्व के हिसाब से तय किए जाएं.
फिलहाल दिल्ली और कोच्चि के बीच न्यूनतम रिटर्न टिकट का मूल्य 22,755 रुपये है, जबकि दिल्ली-गोवा मार्ग पर यह 22,527 रुपये है. दिल्ली-मुंबई के लिए यह 15,000 रुपये और दिल्ली-कोलकाता के लिए 16,000 रुपये है.
नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने हवाई किरायों में भारी वृद्धि पर चिंता जताई है. खासकर व्यस्त समय के दौरान. ऐसे यात्री जो अंतिम समय में टिकट बुक कराते हैं उन्हें भारी राशि चुकानी पड़ती है.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सरकार किराया दरें तय नहीं करेगी. लेकिन वह एक ऐसे फार्मूला पर काम कर रही है जिसमें एयरलाइंस के साथ विचार विमर्श के बाद न्यूनतम और अधिकतम किराया दरें तय की जा सकें. सू़त्रों ने कहा कि किराया दरें इस सीमा के पार नहीं जा सकेंगी.
एयरोनाटिकल सोसायटी ऑफ इंडिया के देबाशीष साहा ने न्यूनतम और अधिकतम किराया तय करने का समर्थन करते हुए कहा, ‘न्यूनतम और अधिकतम किराया तय करने के पीछे कोई तर्क होना चाहिये.
इसकी गणितीय गणना होनी चाहिए.किराया दरें प्रति किलोमीटर औसत सीटों के हिसाब से तय होनी चाहिए.’
उन्होंने किराया दरों में अधिक पारदर्शिता की भी वकालत की. उन्होंने कहा कि यात्रियों को पता होना चाहिए कि उन्हें कितना किराया देना है.

Posted by Creative Dude on 12:31 AM. Filed under . You can follow any responses to this entry through the RSS 2.0

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