मोबाइल बैंकिंग के दौरान बरतें ये सावधानियां
Writer 12:20 AM
देश में मोबाइल के जरिये इंटरनेट का इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही मोबाइल बैंकिंग का भी दायरा बढ़ा है। बिना बैंक गए और कोई लिखत-पढ़त किए घर बैठे मोबाइल के जरिये बैंकिंग की सहूलियत ने इसे काफी तेजी से लोकप्रिय बनाया है, इस सहूलियत के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हुए हैं, जिनसे थोड़ा सतर्क रह कर और कुछ सावधानियां बरत कर बचा जा सकता है। बात करते हैं ऐसी ही कुछ सावधानियों की जिनका आपको मोबाइल बैंकिंग करते समय ध्यान रखना चाहिए।
मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट कराने के बाद सबसे पहले यह देखें कि आपके फोन का ऑटो लॉक काम कर रहा है या नहीं। यदि यह एक्टिवेट नहीं है तो सबसे पहले मोबाइल में ऑटो लॉक को चालू करें, ताकि जब फोन यूज में नहीं होगा तो लॉक अपने आप लग जाएगा। लॉक खोलने के लिए पासवर्ड ऐसा चुनें, जिसे क्रैक कर पाना मुमकिन न हो। इसके लिए 8 या इससे ज्यादा करेक्टर वाले पासवर्ड में आप करेक्टर (अक्षर), न्यूमेरिकल्स (अंक) और स्पेशल कैरेक्टर्स का यूज कर स्ट्रांग पासवर्ड तैयार कर सकते हैं।
टेक्स्ट मेसेज के द्वारा बैंकिंग संबंधी कोई भी अहम या गोपनीय सूचना मसलन अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि आदि का खुलासा न करें। हैकर्स इन सूचनाओं का इस्तेमाल ही बैंक अकाउंट को हैक करने में कर सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि अपने मोबाइल को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर से प्रोटेक्ट करें।
मोबाइल में कोई नया ऐप्लीकेशन, गेम, पिक्चर, म्यूजिक या वीडियो आदि डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि जहां से आप डाउनलोड कर रहे हैं, वह साइट भरोसेमंद हो। कई बार ऐसी फाइलों के जरिये अक्सर आपका फोन हैकिंग का शिकार हो जाता है या उसमें वायरस भी भेजा जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल से चेन मैसेज को भी डिलीट कर दें।
अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचाएं रखने के लिए जरूरी है कि जब आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल न करें तो उसे स्विच ऑफ कर दें। ब्लूटूथ ऑन रहने से हैकर्स को आपके मोबाइल तक पहुंचने का मौका मिल सकता है। मोबाइल को हैकिंग और वायरस से बचाए रखने के लिए लगातार फायरबाल व सेफ्टी सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए। मोबाइल फोन बनाने वाली या कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियां इनका समय-समय पर अपडेट वर्जन मुहैया कराती रहती हैं, जिन्हें इंस्टाल करते रहना चाहिए।
अपने मोबाइल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते रहने की आदत बना लेना अच्छा रहता है। यह आदत आपके लिए काफी सुरक्षित रहेगी।
मोबाइल बैंकिंग एक्टिवेट कराने के बाद सबसे पहले यह देखें कि आपके फोन का ऑटो लॉक काम कर रहा है या नहीं। यदि यह एक्टिवेट नहीं है तो सबसे पहले मोबाइल में ऑटो लॉक को चालू करें, ताकि जब फोन यूज में नहीं होगा तो लॉक अपने आप लग जाएगा। लॉक खोलने के लिए पासवर्ड ऐसा चुनें, जिसे क्रैक कर पाना मुमकिन न हो। इसके लिए 8 या इससे ज्यादा करेक्टर वाले पासवर्ड में आप करेक्टर (अक्षर), न्यूमेरिकल्स (अंक) और स्पेशल कैरेक्टर्स का यूज कर स्ट्रांग पासवर्ड तैयार कर सकते हैं।
टेक्स्ट मेसेज के द्वारा बैंकिंग संबंधी कोई भी अहम या गोपनीय सूचना मसलन अकाउंट नंबर, पासवर्ड, पैन कार्ड और जन्मतिथि आदि का खुलासा न करें। हैकर्स इन सूचनाओं का इस्तेमाल ही बैंक अकाउंट को हैक करने में कर सकते हैं। मोबाइल बैंकिंग संबंधी धोखाधड़ी से बचने के लिए यह भी जरूरी है कि अपने मोबाइल को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर से प्रोटेक्ट करें।
मोबाइल में कोई नया ऐप्लीकेशन, गेम, पिक्चर, म्यूजिक या वीडियो आदि डाउनलोड करते समय ध्यान रखें कि जहां से आप डाउनलोड कर रहे हैं, वह साइट भरोसेमंद हो। कई बार ऐसी फाइलों के जरिये अक्सर आपका फोन हैकिंग का शिकार हो जाता है या उसमें वायरस भी भेजा जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल से चेन मैसेज को भी डिलीट कर दें।
अपने स्मार्टफोन को वायरस से बचाएं रखने के लिए जरूरी है कि जब आप ब्लूटूथ का इस्तेमाल न करें तो उसे स्विच ऑफ कर दें। ब्लूटूथ ऑन रहने से हैकर्स को आपके मोबाइल तक पहुंचने का मौका मिल सकता है। मोबाइल को हैकिंग और वायरस से बचाए रखने के लिए लगातार फायरबाल व सेफ्टी सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहना चाहिए। मोबाइल फोन बनाने वाली या कुछ सॉफ्टवेयर कंपनियां इनका समय-समय पर अपडेट वर्जन मुहैया कराती रहती हैं, जिन्हें इंस्टाल करते रहना चाहिए।
अपने मोबाइल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित रखने के लिए रोजाना ब्राउजिंग हिस्ट्री को डिलीट करते रहने की आदत बना लेना अच्छा रहता है। यह आदत आपके लिए काफी सुरक्षित रहेगी।