कैश ट्रांसफर योजना में बाधा बना आधार कार्ड
Business 12:01 AM
सरकार अपनी महत्वकांक्षी कैश ट्रांसफर योजना को एक जनवरी 2013 से अमल में लाने की तरफ तेजी से बढ़ रही है.
लेकिन जिन 43 जिलों में इसे लागू किया जाना है वहां आधार कार्ड डेटाबेस की कम उपलब्धता इसके रास्ते में बड़ी अड़चन खड़ी कर सकती है.
सीधे नकदी अंतरण की इस योजना में आधार कार्ड नंबर के अनुसार लाभार्थी के बैंक खाते में सीधी नकदी पहुंचाई जानी है.
सरकार ने देश के 16 राज्यों के 43 जिलों में एक जनवरी से इस योजना को अमल में लाने का फैसला किया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में आधार कार्ड उपलब्धता बहुत कम है.
खासकर पहचान किये गये इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के पास यह कार्ड उपलब्ध नहीं है.
सूत्रों के अनुसार पहले चरण में जिन जिलों में इस योजना को शुरु किया जाना है उनमें से कइयों में आधार कार्ड डेटाबेस नहीं है तो कुछ जिलों में ये कार्ड बैंक खातों से नहीं जुड़े हैं.
केन्द्र सरकार ने इस समस्या को भांपते हुये ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इन जिलों में भेजा है ताकि इन जिलों में नकदी अंतरण योजना पर अमल की तैयारियों का जायजा लिया जा सके.
केन्द्र ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया कि जिन 43 जिलों में योजना को शुरु किया जायेगा उनमें नकदी का अंतरण तभी होगा जब लाभार्थी के पास आधार कार्ड नंबर होगा और उनके बैंक खाते इससे जुड़े होंगे. नकदी अंतरण के लिये ऐसा होना जरुरी है.
सूत्रों के अनुसार योजना के तहत लाभ पाने वालों का इस प्रकार का सत्यापित डेटाबेस वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत ही है और राज्य सरकारें इसे पूरा करने के लिये तेजी से काम कर रही हैं.
नकदी अंतरण योजना के तहत पहले चरण में केन्द्र सरकार की 34 योजनाओं को शामिल किया जायेगा और इनमें दी जानी वाली सहायता राशि का ही सीधे बैंक खाते में अंतरण होगा.
योजना आयोग ने हाल ही में उन 16 राज्य सरकारों को एक परिपत्र जारी किया है जिनमें पहचान किये गये 43 जिले हैं. उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि योजना की शुरुआत के समय सभी लाभार्थियों के पास आधार नंबर होना चाहिये.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस संबंध में हाल में बैठकें की हैं और आधार कार्ड और बैंकिंग प्रणाली के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर विचार विमर्श किया.
इसमें तय किया गया कि पहचान किये गये 51 में से 43 जिलों पर ध्यान दिया जाये क्योंकि गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनावों की वजह से तैयारियां नहीं हो पाई.
सूत्रों के अनुसार एक जनवरी को 35 जिलों में योजना का क्रि यान्वयन कर दिया जायेगा और 43 में से शेष आठ जिलों में 10 जनवरी तक इसे लागू कर दिया जायेगा.
सूत्रों ने बताया कि इन जिलों में शहरी क्षेत्रों में आधार कार्ड उपलब्धता 80 प्रतिशत तक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में केवल पांच प्रतिशत के पास ही आधार कार्ड है.
लेकिन जिन 43 जिलों में इसे लागू किया जाना है वहां आधार कार्ड डेटाबेस की कम उपलब्धता इसके रास्ते में बड़ी अड़चन खड़ी कर सकती है.
सीधे नकदी अंतरण की इस योजना में आधार कार्ड नंबर के अनुसार लाभार्थी के बैंक खाते में सीधी नकदी पहुंचाई जानी है.
सरकार ने देश के 16 राज्यों के 43 जिलों में एक जनवरी से इस योजना को अमल में लाने का फैसला किया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि इन जिलों में आधार कार्ड उपलब्धता बहुत कम है.
खासकर पहचान किये गये इन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के पास यह कार्ड उपलब्ध नहीं है.
सूत्रों के अनुसार पहले चरण में जिन जिलों में इस योजना को शुरु किया जाना है उनमें से कइयों में आधार कार्ड डेटाबेस नहीं है तो कुछ जिलों में ये कार्ड बैंक खातों से नहीं जुड़े हैं.
केन्द्र सरकार ने इस समस्या को भांपते हुये ही अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इन जिलों में भेजा है ताकि इन जिलों में नकदी अंतरण योजना पर अमल की तैयारियों का जायजा लिया जा सके.
केन्द्र ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया कि जिन 43 जिलों में योजना को शुरु किया जायेगा उनमें नकदी का अंतरण तभी होगा जब लाभार्थी के पास आधार कार्ड नंबर होगा और उनके बैंक खाते इससे जुड़े होंगे. नकदी अंतरण के लिये ऐसा होना जरुरी है.
सूत्रों के अनुसार योजना के तहत लाभ पाने वालों का इस प्रकार का सत्यापित डेटाबेस वर्तमान में केवल 25 प्रतिशत ही है और राज्य सरकारें इसे पूरा करने के लिये तेजी से काम कर रही हैं.
नकदी अंतरण योजना के तहत पहले चरण में केन्द्र सरकार की 34 योजनाओं को शामिल किया जायेगा और इनमें दी जानी वाली सहायता राशि का ही सीधे बैंक खाते में अंतरण होगा.
योजना आयोग ने हाल ही में उन 16 राज्य सरकारों को एक परिपत्र जारी किया है जिनमें पहचान किये गये 43 जिले हैं. उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि योजना की शुरुआत के समय सभी लाभार्थियों के पास आधार नंबर होना चाहिये.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस संबंध में हाल में बैठकें की हैं और आधार कार्ड और बैंकिंग प्रणाली के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने पर विचार विमर्श किया.
इसमें तय किया गया कि पहचान किये गये 51 में से 43 जिलों पर ध्यान दिया जाये क्योंकि गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनावों की वजह से तैयारियां नहीं हो पाई.
सूत्रों के अनुसार एक जनवरी को 35 जिलों में योजना का क्रि यान्वयन कर दिया जायेगा और 43 में से शेष आठ जिलों में 10 जनवरी तक इसे लागू कर दिया जायेगा.
सूत्रों ने बताया कि इन जिलों में शहरी क्षेत्रों में आधार कार्ड उपलब्धता 80 प्रतिशत तक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में केवल पांच प्रतिशत के पास ही आधार कार्ड है.